एक उम्मीद।
ऐसा लगा आज काफी दिनों बाद। …मिला है फिर कोई अपना कई अनजान चेहरो के बाद। …
उम्मीद तो छोड़ दी थी हम ने, कि हमारा भी कोई अपना होगा। ।
तुम से मिला तो तो लगा कितना सुन्दर वो सुनहरा पल होगा। .
कही रोना, झूट, कपट के इस दुनिआ में हमें लगा कोई अपना मिला। .
अजीब से कशिस में जो खो गया था, वो सपना मिला। .
मिले तो है अभी हम, न जाने कहाँ जा के हमें वो मंजिल मिलेगी
सफ़र कि शुरुआत है मेरे दोस्त यहाँ हमें एक दूसरे के सहारे कि जरुरत होगी।
मुझे तो मालुम है शायद। .... कही तुम बेखबर न रहना
साथ चले तो शायद एक नई दास्ताने रहगुजर होगी। ....
मालुम नहीं मुझे मगर एक भरोषा है मेरे दोस्त
तू तो है बे खबर मेरे इन बातो खयालो से
मगर जब होगा इल्म आपको हमारी नब्जों ख्याल से
आपकी तरफ से भी आएगा जवाब बड़े ही एहतराम से एहतेराम से। ……
सप्रेम भेट
अभिनव अनुराग कि ओर से
एक नए साथी को
उम्मीद है शायद आप समझ गई होंगी ।