
ये तो भ्रष्ट नेताओ का जमाना है,
उनका तो काम ही सरकारे गिरना है,
और हो सके तो
बार बार हर साल चुनाव करवाना है ,
चुनाव के पहले तो वादे करना है ,
बाद में भले ही मुकर जाना है,
उन का तो काम ही बस अपने खातो को आगे बढ़ाना है,
और सिर्फ घोटालो को करना है,
पशुओ का चारा और सड़क का अलकतरा भी नहीं छोड़ना है,
उसे भी खा पका कर पचा जाना है,
जनता की एक विनती नहीं सुनना है ,
मगर हर विनती को ठुकराना है,
आम आदमी की जिंदगी तो बन गई एक घटना है,
जिस के साथ हर दिन हल पल,
होती एक दुर्घटना है.
ये हास्य और व्यंग को समाहित किए हुए आज के समाज की एक सच्ची तस्वीर को उजागर करने किए छोटी से कोशिश थी,
उम्मीद करता हु आप लोगो को पसंद आएगी.
ये रचना मेरी जिंदगी की पहली रचना भी है जिसे All India Radio पर मेरे द्वारा प्रस्तुत भी किया है.
और अब ये आप सभी मित्रो को समर्पित.
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