जाने कैसे वो दिन गुज़र गए ....!!!!
वो दिन गुज़र गए ..वो दिन गुज़र गए ,
जाने कैसे वो दिन गुज़र् गए,
सालो का साथ बस पल में छूट जाएगा,
न चाह कर भी आंसू तो निकल ही जाएगा,
यह देख कर आसमा भी झुक जाएगा ,
जिस ने भी बनाया ये कानून ,
उसे भी एक दिन खुद पे शर्म आ जाएगा ,
वो मौज का आलम वो मस्ती का मौसम ,
वो हसना वो रोना , वो नाचना वो गाना ,
लड़ने झगड़ने के बाद फिर से मिल जाना ,
सब ख़तम हो जाएगा , बसा बसाया आसियान उजाड़ जाएगा ,
जान जिश्म से अलग हो कर जाने कैसे रह पाएगा ,
राही ही नहीं राहें भी बदल जाएंगी ,
पहले रहते थे साथ अब किसी के साथ को भी तरश जाएंगे ,
और भीड़ में भी अकेला खुद को पाएंगे ,
जिंदगी बदल जाएगी सायद हम भी बदल जाएंगे ,
मगर इन लम्हों को हम कभी न भूल पाएंगे ,
जब आएगी इन लम्हों की याद ,
हम तो बस तस्वीर ही पाएंगे ,
और यही है जो हमारा साथ निभाएँगे ,
ये लम्हे हमें बहुत तद्पाएंगे ,
दुबारा इन लम्हों को पाने की ख्वाहिस को ये और बढाएंगे ,
काश अगर हम समय को रोक पाते तो दुबारा इन लम्हों में लौट जाते,
इन लम्हों को पाने के लिए हर कोई पैसा तो क्या सब कुछ लुटा सकता है ,
और तो और जरुरत पड़ने पे मौत को भी गले लगा सकता है।.!!!!
With love, & dedicated to every single person of EMPI.
Love you all will miss u badly
: Abhinav Anurag.
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