अकेलापन
अजीब सा एहसास है
हर वक्त एक सवाल है
न दिल को सुकून न दिमाग को चैन
न जाने कौन सी बेचैनी है
यु तो जब रहते है साथ,,,
तो होता नहीं कद्र उस वक्त का
फिर जाने क्यों वो तड़प मच जाती है
हर एक पल क्यों, इतनी भरी हो जाती है
डर भी लगा रहता है बिछड़ जाने का
बात ये नहीं कि यकीन नहीं है हमे उनपे
भरोसा तो हम उनपे जान से ज्यादा करते है
मगर दिल को समझाए कैसे
जो प्यार है उस प्यार को छलकने से रोके पाए कैसे
चाहता हु हर वक्त उनका साथ
मगर बोलने से भी डरता हु
कही यो ये न समझा बैठे कि मै उनपे भरोसा नहीं करता हु
काश कोई जाकर उन्हें ये बता दे
कि अकेले रह कर मै भी उनके यादो में रोता हु
साथ ही साथ उनसे जरा ये भी कहना
लौट आए वो वापस "अभि "कि जिंदगी में
क्यों कि बड़ी शिद्दत से मैं हरपल उनका इन्तेजार करता हु…
With Lots of Love & Regards from:
Abhinav Anurag, " अभि "
No comments:
Post a Comment